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महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 17 जुलाई 1981 में रांची झारखंड में एक राजपूत परिवार में हुआ। तब रांची बिहार में हुआ करता था माई के पिता का नाम पान सिंह धोनी है। यूनिकॉर्न में जूनियर मैनेजर का काम करते थे धोनी के मां पापा के अलावा उनकी एक सिस्टर है भाई है। उनकी बहन का नाम जयंती और भाई का नाम नरेंद्र सिंह धोनी है। धोनी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई डीएवी जवाहर विद्या मंदिर श्यामली रांची में की।

धोनी को बचपन में क्रिकेट में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था लेकिन धोनी को सचिन की बल्लेबाजी देखना बहुत पसंद था। 1992 वर्ल्ड कप के दौरान धोनी इसीलिए जल्दी उठा करते थे कि वह सचिन को बल्लेबाजी करता देख सके। धोनी को बचपन में क्रिकेट से ज्यादा फुटबॉल और बैडमिंटन खेलना पसंद था। वह क्रिकेट भी खेलते थे पर बहुत कम माही फुटबॉल के बहुत अच्छे प्लेयर थे।
इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि काफी छोटी उम्र में वह रांची की डिस्ट्रिक्ट टीम में भी पहुंच गए थे। धोनी फुटबॉल में गोलकीपर खेला करते थे, उनकी अच्छी गोलकीपिंग देखते हुए एक लोकल क्रिकेट क्लब ने धोनी से अपनी टीम में ऐड विकेटकीपर शामिल करने का प्रस्ताव रखा। धोनी ने वह क्रिकेट क्लब ज्वाइन कर लिया। वह विकेटकीपर के तौर पर चुने गए बहुत अच्छी बल्लेबाजी भी करने लगे थे।
स्पोर्ट्स क्लब में ही नहीं अपने स्कूल में और आसपास भी अपने छक्कों की वजह से काफी फेमस हो गए थे। सॉरी टूर्नामेंट में ज्यादा और लंबे छक्के मारने की वजह से काफी इनाम जीतने लगे। जिस क्रिकेट क्लब ने धोनी को विकेटकीपर के तौर पर शामिल किया था। उस क्लब के लिए दो-तीन साल के के लिए इस क्लब में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा था।
इसीलिए धोनी को 1997 98 में वीनू मांकड अंडर सिक्सटीन चैंपियनशिप के लिए चुन लिया गया। इस चैंपियनशिप में धोनी का प्रदर्शन काफी शानदार रहा उसी दौरान माही ने रेलवे टीटी का इंटरेस्ट एग्जाम दिया। जिसमें उनका सिलेक्शन हो गया एम एस धोनी ने साल 2001 से साउथ रेलवे के खड़कपुर रेलवे स्टेशन से अपनी जॉब स्टार्ट कर दी।

जॉब के साथ साथ क्रिकेट भी खेल रहे थे। साल 2001 में धोनी पहली बार मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से मिले। यह दलीप ट्रॉफी थी जिसमें सचिन की टीम धोनी की टीम के खिलाफ खेल रही थी। धोनी इस मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे। धोनी की टीम फील्डिंग कर रही थी और वे 12th मैन के तौर पर अपनी टीम को पानी पिलाने गए तब सचिन तेंदुलकर ने खुद से बोला कि मुझे पानी मिल सकता है क्या तो धोनी ने हलकी सी स्माइल देकर सचिन को पानी दिया।
धोनी ने 2001 से 2003 तक टीसी के रूप में काम किया। धोनी के साथ काम करने वाले कई लोगों ने खुलासा किया कि वह एक बेहतरीन इंसान थे और अपना काम भी बहुत जिम्मेदारी से करते थे। धोनी उन दिनों भी अभी की तरह शरारती हरकतें और मस्ती किया करते थे। एक बार रात को धोनी ने एक नई सफेद चादर ओढ़ी और अपने लंबे बाल आगे के लिए इसी डरावने रूप में पूरी कॉलोनी में घूमने लगे जिससे वहां रहने वाले बहुत से लोग काफी डर गए थे।
रेलवे की जॉब करते हुए माही रहे थे और उनका खेलना ज्यादा था और ना पा रहे थे। दोस्तों अगर आपने एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी मूवी देखी है आपने देखा होगा कि धोनी की मुलाकात प्रियंका से पाकिस्तान सीरीज के दौरान हुई।
रियल में धोनी प्रियंका से साल 2002 में मिले थे जब वह कोई इंटरनेशनल प्लेयर नहीं थी। वह सिर्फ रणजीत तक ही पहुंची थी साल 2004 में जब माई का सिलेक्शन इंडिया-ए में हुआ उसी दौरान प्रियंका का रोड एक्सीडेंट हो गया जिसमें उसकी मौत हो गई। धोनी को प्रियंका से बहुत लगाव था प्रियंका की मौत के बाद धोनी काफी डिस्टर्ब हो गए थे लेकिन उन्होंने जल्दी अपने खेल पर फोकस कर लिया।
धोने जब रेलवे में टीसी की जॉब कर रहे थे, तब वह ज्यादा टाइम अपनी प्रेक्टिस को नहीं दे पा रहे थे जिससे वह अपना खेल अच्छा कर सकें। क्रिकेट को फुल टाइम देने के लिए माही ने रेलवे की जॉब छोड़ दी। जॉब छोड़ने की बात जब उनके पापा को पता चली तो वह काफी नाराज हुए लेकिन तब तक धोनी ने मन बना लिया था कि अब वह अपना पूरा समय क्रिकेट को ही देंगे।
उनके दिल में क्रिकेट के लिए जुनून सवार हो गया एम एस धोनी का टीम इंडिया में या किसी टूर्नामेंट में नहीं हुआ दरअसल बीसीसीआई की एक टीम होती है जो छोटे-छोटे शहरों में अच्छे टैलेंट खोजने का काम करती है। बीसीसीआई की उस टीम के सामने धोनी ने ट्रायल दिया जिसमें उन्होंने लंबे लंबे छक्के लगाए धोनी की टेक्निक तो अच्छी नहीं थी पर उनकी लंबे छक्कों को देखते हुए धोनी का सिलेक्शन नेशनल टीम में कर लिया गया।

इलेक्शन उनकी क्रिकेट करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। धोनी ने पहली सीरीज इंडिया के लिए केन्या के खिलाफ खेली शतक में धोनी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। धोनी ने केन्या में इंडिया के लिए दो शतक और एक अर्धशतक बनाया। पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने एक किस करते हुए बताया जब धोनी खेलते थे उसी टीम का हिस्सा आकाश चोपड़ा भी थे।
आकाश ने धोनी के लंबे बाल देखे तो धोनी को एडवाइस दें कि हो सकता है तुम्हारे लंबे बालों की वजह से तुम्हारा सिलेक्शन टीम इंडिया में कभी ना हो पाए तुम अपने बाल छोटे करा लो। धोनी ने आकाश की बात ज्यादा सीरियस न लेते हुए रिप्लाई दिया कि क्या पता हम इंडिया के लिए खेले और लोग मेरे जैसा हेयर स्टाइल फॉलो करें धोनी की। यह बात सच होने में ज्यादा टाइम नहीं लगा केन्या में अच्छा प्रदर्शन देखते हुए तब के कप्तान सौरव गांगुली और सिलेक्शन टीम का ध्यान धोनी पर गया और उन्हें 2004 में पहली बार टीम इंडिया के 15 खिलाड़ियों में जगह मिल गई।
2004 में बांग्लादेश के खिलाफ टीम में 2 विकेट कीपर बल्लेबाज थे दिनेश कार्तिक और एम एस धोनी। धोनी जब प्रैक्टिस में दिनेश कार्तिक को कॉलिंग कर रहे थे तो आकाश चोपड़ा ने धोनी से बोला कि तुम्हें पता है तुम जिसको कॉलिंग कर रहे हो वह तुम्हारा कॉम्पिटिटर है इस बार धोनी ने आकाश को बोला मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता आप को बैटिंग करनी है तो मैं आपको भी बोलेंगे डाल दूंगा।
उस दिन में सौरव गांगुली ने एमएस धोनी को 11 सदस्य टीम में भी जगह दी लेकिन उनका पहला मैच ही बेहद दुर्भाग्य साहनी और खराब साबित हुआ उस मैच में जीरो पर रन आउट हो गए। इसके बाद भी उन्हें टीम में जगह दी गई पर उनका भला किसी मैच में नहीं चल सका। इस सीरीज में भारत ने बांग्लादेश को 3-0 से हराया यह सीरीज खत्म होने के बाद जब सभी प्लेयर्स ड्रेसिंग रूम में बैठे थे तो उन्हीं में से कुछ सीनियर प्लेयर धोनी से मजे लेने लगे।
एम एस धोनी से कहा गया कि टेबल पर खड़े हो जाओ और अपने बारे में बताओ धोनी ने वहां बताया कि मैं शुरू से ही सचिन का बहुत बड़ा फैन रहा हूं मैं ज्यादा करके नहीं देखता आया हूं पर मैं सचिन की बल्लेबाजी देखना हमेशा से पसंद करता था। धोनी की बात सुनकर सवारने लगे सोनी के अपने पहले सुरु-सुरु में ही कई खिलाड़ियों से अच्छी दोस्ती हो गई थी एम एस धोनी की बल्लेबाजी अच्छी नहीं रही और उनकी अच्छी विकेटकीपिंग की वजह से उन्हें पाकिस्तान के विरुद्ध एक बार फिर टीम में शामिल कर लिया गया।
दिनेश कार्तिक के रहते हुए उनके प्लेइंग इलेवन में खेलने पर भी सवाल उठ रहे थे। पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच में कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें तीसरे नंबर पर खेलने का मौका दिया क्योंकि गांगुली जानते थे कि धोनी को अभी ठीक से अपना प्रदर्शन दिखाने का मौका नहीं मिला है। सचिन के रन आउट होने के बाद धोनी बल्लेबाजी करने आए धोनी ने आते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी। उनकी बल्लेबाजी देखकर लोग समझ गए कि दुनिया को एक बेहतरीन प्लेयर मिलने वाला है।

धोनी ने इस मैच में 123 गेंदों में 148 रन बनाए जो कि एक रिकॉर्ड बन गया। अपने पहले शतक में 148 रन बनाने का रिकॉर्ड इंडियन प्लेयर में अभी भी धोनी के नाम ही है। इसके बाद धोनी की टीम में जगह बन गई इसके बाद साल 2005 में ही धोनी ने श्रीलंका के विरुद्ध नाबाद 183 रन बनाए। जो उनका ओडीआई क्रिकेट में बेस्ट स्कोर है इस मैच में धोनी ने 10 छक्के भी लगाए थे। अब धोनी की जगह टीम में बहुत स्ट्रांग हो चुकी थी क्योंकि धोनी विकेट कीपिंग में और बैटिंग में बहुत शानदार प्रदर्शन दिखा रहे थे और धोनी के छक्कों की वजह से उनके करोड़ों पर भी बन गए थे।
साल 2007 के वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की बुरी तरह हार हुई जिसके बाद कप्तान राहुल द्रविड़ ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। अब टीम इंडिया में पहला T20 वर्ल्ड कप खेलने जाना था टीम का कप्तान बनने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खेलने से मना करते हुए एमएस धोनी को कप्तान बनाने की टीम मैनेजमेंट बात हुए और कप्तान बना दिया गया।
जो टीम राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में कमजोर लग रही थी वही टीम एमएस धोनी की कप्तानी में बहुत मजबूत दिखने लगी। टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान जैसी मजबूत टीम को हराकर फाइनल में जगह बनाई। फाइनल में पाकिस्तान के सामने बहुत छोटा लक्ष्य था पर फिर भी टीम की गेंदबाजी और रणनीति ने यह स्कोर बचाकर वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया। धोनी की बेहतरीन कप्तानी देखते हुए उन्हें टीम इंडिया का ओडीआई का कप्तान भी बना दिया गया।
धोनी ने टी20 वर्ल्ड कप जीत का अपने लंबे बालों को छोटा करा लिया। 2008 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर कॉमर्स बैंक सीरीज में मात दे दी। यह टीम इंडिया की बड़ी उपलब्धि थी क्योंकि तब टीम आस्ट्रेलिया बहुत मजबूत टीम थी और वर्ल्ड चैंपियन भी थी। इसके बाद भारतीय टीम ने बहुत सी सीरीज अपने नाम की। साल 2008 में आईपीएल शुरू हुआ था जिसमें एम एस धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी के रूप में बिकी थी।

शुरू से ही सीएसके के लिए आईपीएल खेलते आए हैं केवल 2016 और 17 को छोड़कर धोनी की लाइफ पर जब भी बात होगी तो वर्ल्ड कप 2011 का जिक्र जरूर होगा। इस वर्ल्ड कप में भारत ने 2007 वर्ल्ड कप विजेता ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हराकर यह बता दिया कि भारत चैंपियन की तरह खेल रहा है। क्वार्टर फाइनल के बाद भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को हरा दिया लेकिन फाइनल में 275 रन का पीछा करते हुए 31 रन पर दो विकेट चले गए इसके बाद विराट और गंभीर ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए स्कोर को 100 के पार पहुंचा दिया। भारत को 114 रन पर तीसरा झटका लगा बैठे तो 3 विकेट के बाद युवराज सिंह बल्लेबाजी करने आते थे यूवी को रोकते हुए धोनी बल्लेबाजी करने गए।
धोनी ने उस फाइनल मैच में ऐसी बल्लेबाजी की जैसे वह कि डोमेस्टिक गेंदबाजों को खेल रहे हो धोनी ने 78 गेंदों में 91 रन बनाए और वानखेड़े स्टेडियम में छक्का मारकर टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया हिंदुस्तानियों के लिए वह रात किसी त्योहार से कम नहीं थी। टीम इंडिया के हर खिलाड़ी के आंखों में जीत के आंसू थे पर धोनी तब पूरे मैदान पर मुस्कुराते नजर आए और धोनी बताते हैं कि वर्ल्ड कप जीतने के बाद उनकी आंखों में भी आंसू आ गए थे पर उस टाइम बुक कैमरे की नजर में नहीं आ सके। धोनी ने यह भी बताया कि उन्होंने युवराज की जगह खुद को बैटिंग में क्यों प्रमोट किया धोनी ने बताया जब तीसरा विकेट गिरा तो मुथैया मुरलीधरन बॉलिंग कर रहे थे और मुथैया आईपीएल में एक ही टीम के लिए खेलते थे तो वह अक्सर नेट का सामना करती रहे थे।
इसीलिए मुथैया को वह बहुत अच्छे से खेल रही थी और इसीलिए वह युवराज की जगह बैटिंग करने गए उनका यह डिसीजन कितना अद्भुत था यह तो सभी ने देख लिया। साल 2008 में अनिल कुंबले के संन्यास लेने के बाद माही को टेस्ट टीम का कप्तान बना दिया गया। जिसके बाद 2009 में भारत पहली बार टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन टीम बना नंबर वन टीम लगातार 1 साल तक नंबर वन टीम बनी रही। धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 2010 2011 और 2018 की आईपीएल ट्रॉफी जीती है इसके साथ ही csk ने चैपियंस लीग भी है।
साल 2012 में धोनी ने सातवें नंबर पर खेलते हुए 1 शतक लगाया जो यह रिकॉर्ड है कि किसी भी कप्तान ने सातवें नंबर पर खेलते हुए शतक नहीं लगाया है 2013 में टीम इंडिया ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की और 2013 में ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट में 40 से हरा दिया ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट में वार्ड वास करने का रिकॉर्ड भारत के नाम ही है और वह भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में।
चले दोस्तों अब महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी धोनी की प्रेम कहानी की बात करते हैं।
धोनी के पिता जिस कारखाने में काम करते थे। उसी कारखाने में साक्षी के पिता भी काम करते थे साक्षी और धोनी के पिता की आपस में अच्छी जान-पहचान थी। धोनी और साक्षी एक ही स्कूल में पढ़ते थे पर उनकी आपस में कोई खास दोस्ती नहीं थी। साक्षी की शुरुआती पढ़ाई के बाद उनका परिवार देहरादून शिफ्ट हो गया साक्षी ने अपनी आगे की पढ़ाई देहरादून से की स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने औरंगाबाद के ऑफ होटल मैनेजमेंट पूरी की थी और साक्षी ने अपनी ट्रेनिंग कोलकाता की ताज होटल से की थी और उसी होटल में माही और साक्षी की पहली मुलाकात हुई।
यह बात साल 2008 की है साक्षी कोलकाता के ताज होटल में ट्रेनिंग कर रही थी और उसी होटल में भारतीय टीम भी रुकी हुई थी तब तक महेंद्र सिंह धोनी काफी फेमस और कामयाब हो चुके थे इसके बावजूद भी चाची ने धोनी को नहीं पहचाना। धोनी से किसी सेलिब्रिटी की तरह नहीं एक आम कस्टमर की तरह पेश आएं ताकि काम के प्रति ईमानदारी देखकर धोनी को साक्षी बहुत पसंद आई। धोनी ने साक्षी के दोस्त से उनका नंबर ले लिया धोनी ने साक्षी को मैसेज किया। तो साक्षी हैरान रह गई कि इंडियन क्रिकेट टीम के कैप्टन मुझे मैसेज कर रहे हैं। इसके बाद उन दोनों की बात होने लगी और वह एक दूसरे को डेट करने लगे साक्षी और माही ने 2 साल डेटिंग करने के बाद 3 जुलाई 2010 को सगाई की और अगले ही दिन शादी कर ली।

धोनी और साक्षी की रिलेशनशिप शादी तक प्राइवेट ही रही जिससे उनकी शादी की खबर सुनकर सभी चौक गए। धोनी ने अपनी शादी में 1-2 क्रिकेटर्स को छोड़कर किसी को नहीं बुलाया था। जिससे कुछ क्रिकेटर नाराज भी हो गए पर धोनी ने कुछ टाइम में सब को मना लिया दोनों। एक अच्छे खिलाड़ी और कप्तानी की जिम्मेदारी के अलावा अपने परिवार की जिम्मेदारी भी बहुत अच्छे से निभाते हैं, चाहे वह अपने पेरेंट्स का ध्यान रखना हो क्या साक्षी को टाइम देना। वह अपनी पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ में एक अच्छा बैलेंस बनाकर रखते हैं। 6 फरवरी 2015 को जब साक्षी ने जीवा धोनी को जन्म दिया तब धोनी उनके साथ नहीं थे बल्कि वह ऑस्ट्रेलिया में वर्ल्ड कप खेलने गए हुए थे। धोनी अक्सर प्रैक्टिस के टाइम अपना फोन खुद से दूर रखते हैं।
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इसीलिए बेटी पैदा होने की खुशी सुरेश रैना ने उनको बताएं जीवन निशानी है माही और साक्षी की सक्सेसफुल लव स्टोरी की और जीवा खुद भी इतनी क्यूट हैं कि हर कोई उनके साथ खेलना चाहता है। एम एस धोनी ने 30 दिसंबर 2014 को अपने टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया। आईसीसी वर्ल्ड कप 2015 में इंडिया सेमीफाइनल में हार गई धोनी ने जनवरी 2017 को टीम इंडिया के कैप्टनशिप छोड़ दी अब odi t20 खेल रहे थे। 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया और दुर्भाग्य से वो रन आउट हो गए।
धोनी ने वर्ल्ड कप 2019 के बाद आर्मी में कुछ महीने से सेवा दी। 15 अगस्त 2020 वह दिन था।जब धोनी ने सभी तरह के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
चलिए धोनी के बारे में कुछ और इंटरेस्टिंग बातें जान लेते हैं।
2011 इंडिया पाकिस्तान वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के दौरान पाकिस्तानी फेमस क्रिकेट सेंड चाचा को टिकट नहीं मिल रही थी धोनी को जब यह पता चला तो उन्होंने चाचा के लिए टिकट का इंतजाम किया धोनी की यह दरियादिली देखकर चाचा धोनी के व्यक्तित्व के घायल हो गए।
जिस तरह सौरव गांगुली ने नैटवेस्ट सीरीज जीतने के बाद अपनी शर्ट उतारी थी उसी तरह एम एस धोनी ने 2007 T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद अपनी शर्ट उतार कर एक बच्चे को दे दी।
2013 में टीवी न्यूज़ चैनल ज़ी न्यूज ने धोनी पर आईपीएल में फिक्सिंग की खबरें दिखाएं। वैसे तो धोनी को जल्दी गुस्सा नहीं आता पर उनके चरित्र पर जी न्यूज ने इल्जाम लगाए तो उनको गुस्सा आ गया एक्शन लेते हुए धोनी ने जी न्यूज पर मानहानि का केस कर दिया। क्योंकि जी न्यूज़ पर कोई प्रूफ नहीं था इसीलिए धोनी से रिलेटेड सारी न्यूज़ और खबरे चैनल से हटाने पड़े अगर जी न्यूज़ ऐसा नहीं करता तो से 100 करोड़ रुपए का जुर्माना देना होता।
एम एस धोनी को 2017 इंडिया वर्सेस श्रीलंका सीरीज में तीसरे वनडे के दौरान श्री लंकन ग्राउंड फील्ड में बोतल फेंकना शुरू कर दिया। इस सब को कंट्रोल करने के लिए मैच को आधे घंटे के लिए रोकना पड़ा उस टाइम धोनी बैटिंग कर रहे थे। जब आधे घंटे को खेल रुका तो धोनी फील पर ही सो गए क्रिकेट जगत में यह बहुत अजीब घटना थी जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहे।
एम एस धोनी अपनी कप्तानी में मैच जीतने के बाद विनिंग वाला अपने पास रखते थे जब 2017 में विराट कोहली की कप्तानी में इंडिया ने पहली सीरीज जीती तो माही ने बॉल पर साइन करके विराट को बोल गिफ्ट करते हुए बोला ऐसे हमेशा संभाल कर रखना फ्यूचर में तुम्हारी पहली सीरीज जीतने की याद दिलाएगी।
2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल से पहले इंडिया पाकिस्तान फैंस में बहुत ज्यादा सोशल मीडिया वार्ड चढ़ा हुआ था और न्यूज़ में भी ऐसे दिखाया जा रहा था जैसे यह कोई खेल नहीं युद्ध होने वाला है। इसी बीच फाइनल मैच से पहले माही सरफराज के बेटे के साथ दिखे सरफराज धोनी को अपना आइडल मानते हैं उन्होंने बोला मैंने अपने बेटे की फोटो धोनी के साथ इसीलिए खिंचवाई क्योंकि जब वह बड़ा होगा तो देखेगा कि मैं वर्ल्ड कप विनिंग कैप्टन के हाथों में था।
अपने देश के लिए 100 टेस्ट में खेलना बहुत बड़ी अचीवमेंट होती है पर माही ने 90 टेस्ट खेल कर ही सन्यास ले लिया धोनी कभी माइलस्टोन अचीव करने के लिए नहीं खेलते।
महेंद्र सिंह धोनी लगातार दो साल ओडीआई रैंकिंग में नंबर वन बल्लेबाज रहे जो कि एक रिकॉर्ड है जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कहा था कि दुनिया के बेस्ट कैप्टन है और मैं भाग्यशाली हूं जो उनकी कप्तानी में खेला।
धोनी बोलते हैं मेरे करियर का बेस्ट मोमेंट वह था जब 2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद मैदान में उपलब्ध सारा क्राउड वंदे मातरम गाने लगा।
2016 में जब हार्दिक पांड्या ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। उनके पहले ही ओवर में 21 रन पर गए हार्दिक को लगाकर आंखों ने उस मैच में दोबारा बॉलिंग करने का मौका नहीं मिलेगा पर अगला ओवर खत्म होते ही मायने पांडे को आवाज लगाई के आजा दूसरा व दाल। इसके बाद पांड्या ने 2 विकेट अपने नाम की और इंडिया यह मैच जीत भी गया। धोनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला कि मुझे पता था कि मैंने वापसी करेंगे और इसीलिए उन्हें दूसरा ओवर दिया इसी मैच में जब पांड्या ने क्रिषैल की विकेट ली तो वह ओवरएक्साइटिड हो गए और जश्न मनाते हुए उन्होंने क्रिषैल को बाहर जाने का इशारा किया। ऐसा करते हुए देख धोनी ने पांड्या से बोला कि तुमने जो किया है अब ऐसा मत करना क्योंकि ऐसा करने से तुम पर बैन लग सकता है पांड्या को इसके बाद 50 परसेंटेज से हाथ धोना पड़ा। पांड्या ने बताया तो धोनी की वजह से मुझे टीम में अपनी वैल्यू की समझ आई।
सुरेश रैना ने 2011 वर्ल्ड कप का एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि सेमीफाइनल में जब उमर अकमल बल्लेबाजी कर रहे थे तो उसी टाइम रहना होने से लैस करने लगे। ना कि इस हरकत की शिकायत करते हुए कहा धोनी भाई देखो यह गाली दे रहा है चुप करा दो इसके बाद जब वह तो धोनी रैना के पास गए और बोले तू रुक मत ऐसे ही बोलता रहता ओडीआई क्रिकेट में 200 छक्के लगाए हैं और उनका यह रिकॉर्ड अभी तक कोई नहीं आया है।
एम एस धोनी मूवी में धोनी के एक दोस्त संतोष को दिखाया गया और यह भी दिखाया गया के हेलीकॉप्टर शॉट खेलना धोनी को संतोष ने ही सिखाया। साल 2013 में संतोष की तबीयत काफी खराब हो गई थी उनके इलाज में धोनी ने काफी खर्चा उठाया पर जब उनकी तबीयत और बिगड़ी तो माही ने हेलीकॉप्टर भेजा। उन्हें किसी बड़े हॉस्पिटल में शिफ्ट होने के लिए पर तब तक संतोष दम तोड़ चुके थे।
धोनी को 2010 में फिल्म करने का ऑफर आया था जिसके लिए वह तैयार भी हो गए थे। इस फिल्म को डेविड धवन डायरेक्ट करने वाले थे जो कि एक कॉमेडी फिल्म होती पर प्रोडक्शन में परेशानी के चलते यह फिल्म कभी शुरू ही नहीं हुई।
धोनी का टेस्ट में हाईएस्ट स्कोर 224 रन था जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था।
अब तक कोई भी इंडियन विकेटकीपर इतना स्कोर नहीं बना पाया है क्रिकेट के अलावा धोनी को रोजर फेडरर बहुत पसंद है और बॉलीवुड में उन्हें अमिताभ बच्चन की फिल्में देखना पसंद है। इसके साथ किशोर कुमार और लता मंगेशकर उनके फेवरेट सिंगर हैं।
2008 श्रीलंका टूर पर वीरेंद्र सहवाग के चोटिल होने के बाद माही नहीं विराट कोहली को डेब्यू करने का मौका दिया धोनी उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्हें जल्दी उठना पसंद नहीं उनका मानना है कि इससे उन पर मैच में कम स्ट्रेस रहता है।शायद इसीलिए वह मैदान पर इतने फूल दिखाई देती थी माही कभी भी मैच से पहले की प्रैक्टिस नहीं करते थे।
वह सिर्फ बिल्डिंग बैटिंग प्रैक्टिस करते थे इसके अलावा और भी नजर आते थे विकेटकीपर होते हुए कई बार बॉलिंग की है और उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 1 विकेट भी लिया है।
2013 के कैंसर पेशेंट इलाज के लिए धोनी ने अपने ग्लब्स और बेट नीलाम की थी। धोनी चैरिटी करते रहते हैं पर वह कभी इस बात को मीडिया में नहीं आने देती।
धोनी ने 2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद अपना मुंडन करवाया क्योंकि उन्होंने मन्नत मांगी थी कि अगर वह वर्ल्ड कप जीत जाएंगे तो अपने बालों का त्याग कर देंगे।
धोनी को बाइक्स का बहुत शौक है और अभी उनके पास लगभग 20 बाइक से इसके साथ ही धोनी की खुद की बाइक रेसिंग टीम है। जिसका नाम है माही रेसिंग टीम इंडिया।
धोनी के फेवरेट क्रिकेटर तो हमेशा से सचिन तेंदुलकर रहे पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट उनके आइडल थे।
धोनी ने अपनी लाइफ में जितने अचीवमेंट अपने नाम किए उन्हें फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए यह उम्मीद नहीं थी कि वह इतना सब अजीब कर लेंगे धोनी ने काफी स्ट्रगल किया है पर वह अपनी स्ट्रगल स्टोरी बताना कम ही पसंद करती है।
धोनी इकलौती ऐसी भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के तीनों बड़े टूर्नामेंट जीते हैं 2007 में उन्होंने वर्ल्ड कप जीता 2011 में उन्होंने और 2013 में उन्होंने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जाते थे।
धोनी अपनी वाइफ साक्षी को बहुत कम क्रिकेट उस पर ले जाते थे, पर जब भी कभी साथियों के साथ जाती थी तो धोनी उन्हीं के हाथों का बना खाना खाते थे।
साल 2016 में एक मैच में धोनी बोल्ड हो गए और विकेट की बेस्ट उनकी आंखों में जा लगी। कोई भी खिलाड़ी आंख में चोट के बाद शायद खेलने नहीं जाता पर धोनी उस मैच में फिल्में गए और पूरे मैच में कीपिंग भी की थी।
दोस्तों खिलाड़ी तो बहुत आए और दूसरे एम एस धोनी मिलना नामुमकिन है वह अपनी जीत का श्रेय कभी नहीं देते थे धोनी हरजीत को टीम की जीत बताते रहे हैं।
दोस्तों धोनी अब नीली जर्सी में कभी नहीं दिखेंगे पर उनकी लाइफ स्टोरी हमेशा लोगों को इंस्पायर करती रहेगी।
मेरा नाम विकी है। में इसी तरह की हिंदी कहानिया , हिंदी चुटकुले और सोशल मीडिया से संबंधित आर्टिकल लिखता हु। यह आर्टिकल “Mahendra Singh Dhoni Biography in Hindi | about ms dhoni” अगर आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और हमे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि में फॉलो करे।
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